दलाई लामा ने दुनिया भर के समुदाय से बड़े पैमाने पर सम्मान हासिल किया है पर इसके वजह से ये जरूरी नहीं है के उनके विश्वास और शिक्षा सही हैं.
दलाई लामा एक इंसान हैं और हालांकि वो आध्यात्मिक रूपसे बहुत प्रसिद्ध हों और उन्होंने नोबेल पुरस्कार भी जीता हो पर फिर भी वो रहेंगे तो एक नाश्वर इंसान ही जिसको दिशा और मार्गनिर्देशन की जरूरत रहती है.
कुछ लोगों ने उन्हें एक राजा-देवता का मानद उपाधि दिया है और उनको पवित्र भगवान के रूप में भी देखते हैं.
फिर भी अभी तक उनकी अपनी ही तथाकथित उपाधि और व्यवहार की वास्तविकता उनके अपने ही जीवन की गवाही नहीं देती.
उदाहरण के लिए वो खुद दावा करते हैं की उन्होंने कभी कोई चमत्कार नहीं किया है और कभी कोई चमत्कार नहीं देखा है और उनके शीर्ष सहायक तेव्न्जिन तकल्हा भी इस बात से इनकार करते हैं की दलाई लामा के पास जादुई शक्तियां हैं. जब उनसे ये प्रश्न किया गया के क्या वो निष्पाप अथवा पूर्ण हैं तो उन्होंने हंसकर “बकवास” कहके इस बातको टाल दिया.
उन्होंने अपनी आत्मकथा में ये दावा किया है कि वो अपने गुस्से को काबू में करने में काफि संघर्ष करते हैं और उन्होंने कई सारे अन्तर्वार्ता में ये भी कहा है के वो अपने वासना के साथ भी संघर्ष करते हैं.
इसके अलावा उनके विचार में किसी इंसान को बौद्ध धर्म में परिवर्तन होना बिलकुल आवश्यक नहीं है और नाही वो बौद्ध धर्म के अधिवक्ता हैं जो कहें के ये एक सार्वभौमिक धर्म है. उन्होंने ऐसा दावा किया है क्योंकी बौद्ध धर्म के अपने स्वयं के दार्शनिक शिक्षण में विरोधाभास है जो अगर संक्षेप में कहें तो विचारों में कभी भी संतोषजनक नहीं होगा. तो इसीलिए वो ये निष्कर्ष निकालते हैं की ऐसा जरूरी नहीं है की बुद्ध धर्म सभी लोगों के लिए सबसे अच्छा हो पर वास्तव में मामला ये है के बुद्ध धर्म आपके लिए काम करता है या नहीं.
दलाई लामा भी बौद्ध ज्योतिष और ब्रह्माण्ड विज्ञान के उल्झन में हैं और इसीलिए वो सभी बौद्ध शिक्षणों को स्वीकार नहीं करते हैं.
उन्होंने ये भी कहा है के उनका ये मानना है के बुद्ध ने वास्तव में तिब्बती बौद्ध धर्म सिखाया जो वास्तव में संभव नहीं लगता है क्यों की उस प्रकार के बौद्ध धर्म और बौद्ध धर्म के सबसे पुराने रूप में बहुत ज्यादा फरक है.
एक अन्तर्वार्ता में उन्होंने ये भी स्वीकार किया है की यीशु संपूर्ण प्रकार से प्रबुद्ध थे पर मुझे इस बात से आश्चर्य है के कैसे हम इस बयान में सामंजस्य पाएं क्योंकि यीशु की शिक्षाओं और बुद्ध, जो उनसे कुछ ही शताब्दी पहले के थे, उनकी शिक्षाओं में तो मौलिक रूप से बहुत ज्यादा फरक है. फिर भी यदि यीशु हमें सच कह रहे हैं तो क्या बौद्ध धर्म मानने वालों को भी क्रिस्ट के शिक्षाओं पर विचार नहीं करना चाहिए?
इसके अलावा एक धार्मिक संगठन जो आध्यात्मिकता की भावना को बढ़ावा देता है, उसे अपने हिस्से के परिवादात्मक शिक्षक और संगठन मिल गया है.
उदाहरण के लिए ओम शिनरिक्यो आन्दोलन द्वारा किया गया सरीन गैस विष काण्ड जिसके गुरू असहारा शोको थे जिनको सुरू में दलाई लामा ने समर्थन किया था पर बाद में इस समूह के कार्रवाई की वजह से उन्होंने इस समूह को त्याग दिया.
इसके अलावा हों-मिंग चेन भी हैं जो चेन ताओ अथवा “सही राश्ता” नामक समूह के नेता हैं, उन्होंने ये दावा किया की ईश्वर खुद को टेलीविजन पर प्रकट करेंगे और उसके कुछ दिन बाद अपने-आपको पूरे दुनिया के सामने प्रस्तुत करेंगे जो कभी नहीं हुआ.
इस धार्मिक आंदोलन के भीतर अन्य नेताओं ने यौन शोषण किया, शराब के साथ उनका नाम जोड़ा गया, और यहां तक कि आत्महत्या भी किया है. इन गुरुओं के साथ साथ ऐसे हॉलीवुड व्यक्तित्व भी हैं जिन्होंने परदे पर अभिनय करते समय के भ्रष्टाचार का समर्थन भी किया है जो बौद्ध सोच के पांच सिद्धांतों का उल्लंघन करता है.
इसके अलावा ऐसे बौद्ध अतिवादी भी हैं जो इसाईओं को सताते हैं और ये बात उनके “कोई बुराई नहीं करने”की नीति का सीधा-सीधा उल्लंघन है.
हालांकि बुद्ध धर्म को विश्व के एक धर्म के रूप में सम्मान दिया जाता है पर अपने दर्शन और नेताओं के बीच कमी-कमजोडी होने के वजह से इस आन्दोलन के विश्वसनीयता पर ही सवाल खड़े हो गए हैं. जो कोई भी एक बौद्ध धर्मावलम्बी के रूप में भक्ति भरा जीवन बिताने के बारे में सोच रहा होगा, मैं उनको सावधान करना चाहता हूँ और इस धार्मिक बहाने के पीछे के सच्चाई के बारे में गंभीर रूप से विचार करने के लिए अनुरोध करता हूँ. और वो लोग जो पहले से ही इस आन्दोलन का हिस्सा हैं, उनको मैं प्रोत्साहित करना चाहूँगा कि इस विषय पर अपने स्थिति के बारे में यीशु को रख कर पुनर्विचार करें जिसको थिच न्हात हंह भी समर्थन करते हैं और दलाई लामा खुद उनको पूर्ण रूप से प्रबुद्ध मानते हैं और जिसको “दुनिया की रोशनी” कहके मानद शीर्षक दिया गया है.
यहुन्ना ८:१२ “फिर वहाँ उपस्थित लोगों से यीशु ने कहा, “मैं जगत का प्रकाश हूँ जो मेरे पीछे चलेगा कभी अँधेरे में नहीं रहेगा. बल्कि उसे उस प्रकाश की प्राप्ति होगी जो जीवन देता है.””
कैसे भगवान के साथ एक रिश्ता बनाएं
jesusandjews.com/wordpress/2012/01/10/कैसे-भगवान-के-साथ-एक-रिश्त/
अन्य संबंधित लिंक
“Reprinted by permission. “(Nelson’s Illustrated Guide to Religions), James A. Beverley, 2009,Thomas Nelson Inc. Nashville, Tennessee. All rights reserved.”