हिंदू धर्म के भीतर भी एक व्यक्ति ईश्वर के अवधारणा के बारे में कई तरह के विचार रख सकता है जहाँ पर विश्वास कोई ईश्वर के ना होने से लेकर ३३ करोड़ देवता के होने तक फर्क पड़ सकता है.
देवता (ओं) के इन विविध विचारों के अलावा इन माने जाने वाले परमात्मा (ओं) की प्रकृति के बारे में विभिन्न आयाम मौजूद हैं जिसमें अद्वैतवाद, देवपूजा, सर्वेश्वरवाद, और आत्मवाद शामिल हैं.
इन मान्यताओं के सही होने के बारे में जब विश्लेषण किया जाता है तो वहाँ पर एक स्पष्ट विरोधाभास मालूम पड़ता है जो तर्क और कारण के दलीलों को खारिज कर देता है.
इसके अलावा इन देवता (ओं) को ऐतिहासिक संदर्भ बनाम आदिवासी विश्वासों की पौराणिक पृष्ठभूमि में रखा जाता है और इसी वजह से इन दृष्टिकोणों को सही रूप में पुष्टि नहीं किया जा सकता और इसी लिए उनका अस्तित्व विश्वास और अंधविश्वास के दिग्गजों की कहानी पर आधारित है.
अपने जीवन का आधार किसी ऐसे चीज को बनाना जो जानकार या प्रसंशनीय नहीं है ये बात मानव बुद्धि के मूल्य के लिए एक धोखा है और ये हिंदू विश्वास को और कम कर देता है और वो विश्वास सिर्फ एक अतर्कसंगत विचारों का एक आध्यात्मिक संस्कृति क्लब से अधिक नहीं रह जाता है.
इसके अलावा मुझे नहीं लगता के धर्म और दर्शन से बाहर रहने वाले लोग इन असंगत मान्यताओं को मानते हैं और उनके अनुसार अपना हरेक दिन का जीवन जीते हैं. आप जरूर एक हिंदू इंजिनियर को अपना घर बनाने के लिए नहीं बुलाएंगे जो हिंदू विश्वास के आधार पर गणितीय समीकरणों का हल करते हैं जैसे के वो उनके भगवानों से सम्बन्धित हैं. हकीकत में यह केवल आपको एक निर्जन संरचना के साथ छोड़ देगा जो की संदेह के हवाओं के कारण गिर सकता है.
अंत में मुझे आशा है कि इस पोस्ट की प्रत्यक्षवादिता और स्पष्टवादिता आपको आहत नहीं किया है. मुझे पता है कि कई लोग इन मान्यताओं पर पवित्रता और भक्ति की भावना और ईमानदारी से विश्वास करते हैं.
इसके अलावा, मैं समझता हूँ कि संस्कृति के तरफ प्रतिबद्धता एक मजबूत गाँठ की तरह है जो अक्सर लोगों को एक साथ बाँध कर रखता है फिर भी मैं आपको प्रोत्साहित करता हूँ के आप अपने समाज के सांस्कृतिक बंधनों से बाहर निकलकर सोचें क्योंकि ये आपके ज्ञान को नियंत्रित और सीमित कर देता है.
फिर भी मैं आप को एक और अद्वितीय विश्वदृष्टि के बारे में अनुसंधान करने के लिए आमंत्रित करता हूँ जिसके पास अपने विश्वास प्रणाली को साबित करने के लिए कुछ सबूत है और ये येशु और उनके काम से सम्बन्धित है जो आपको यहाँ पर मिलेगा
” www.carm.org/answers-for-seekers
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jesusandjews.com/wordpress/2012/01/10/कैसे-भगवान-के-साथ-एक-रिश्त/
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